Swami Vivekanand Quotes in hindi उठो , जागो और जब तक लक्ष्यस्थान पर न पँहुच जाओ तब तक मत रुको | मनुष्य को निर्भय हो के अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए |
Swami Vivekanand Great quotes in hindi .स्वामी विवेकानंद एक मानवतावादी विभूति और क्रन्तिकारी संत थे । स्वामी विवेकानंद ने समाज को निरक्षरता , अज्ञान , गरीबी , भूख के सामने लड़ने के लिए तैयार किया था । उन्होंने अकेले ही भारत की संस्कृति ,धर्म , अध्यात्म और तत्वज्ञान को गौरव के शिखर तक पहुँचाया है ।
स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय चेतना को जाग्रत करके मानवतावादी और संवेदनशील समाज बनाने वाले आथ्यात्मिक युगनायक थे । उनके विचार युवा लोगों के लिए प्रेरणा सामान है । स्वामी विवेकानंद ने जीवन जीने की कला अपने गुरु रामकृष्णदेव के चरणों में रहकर ही सीखी थी ।
Name : Swami vivekanand ( स्वामी विवेकानंद )
Born : 12 जनवरी 1863 कलकत्ता , बंगाल प्रेसीडेंसी
Nationality : इंडियन
Died : 4th जुलाई 1902 बेलूर मठ , कलकत्ता
Swami Vivekanand Life Changing Quotes in hindi
स्वामी विवेकानंद के अमृतवचन
- मैं निर्बल हूँ , पापी हूँ ,दयाजनक मनुष्य हूँ , मुझमे कोई शक्ति नहीं है , मैं यह नहीं कर सकता , मैं वोह नहीं कर सकता . ‘ ऐसा बोलने जैसी दूसरी कोई गलती नहीं है . Swami vivekanand
- पहेले धर्म में कहेते थे की भगवान् में नहीं मानते वह नास्तिक है . अभी के नए धर्म में कहेते है की जिसको अपने में श्रद्धा या विश्वास नहीं है वह नास्तिक है . Swami vivekanand
- खड़े हो जाओ , हिम्मत करो , मजबूत बनो , अपने ऊपर पूरी जवाबदारी उठाओ , और यही सोचो और करो की तुम्हारे भाग्य के विधाता तुम खुद ही हो और कोई नहीं | आपको जरूर हो ऐसी सब शक्ति , और सब सहाय आपके अन्दर ही है ऐसा महसूस करो और अपने भाग्य विधाता खुद ही बनो | मैं रोगी हूँ ऐसा निरंतर कहेते रहेने से कोई भी रोगी निरोगी नहीं बन सकता | Swami vivekanand
- युवाओं हंमेशा याद रखो की दुसरे प्राणी की बराबरी में मनुष्य बहुत ज्यादा बड़ा है | देव से भी ज्यादा ऊँची पंक्ति का है | मनुष्य से बड़ा कोई नहीं है | देवों को भी मोक्ष प्राप्त करने के लिए मनुष्य धर्म में ही आना पड़ता है | केवल मनुष्य ही मोक्ष प्राप्त कर सकता है | Swami vivekanand
- युवा मित्रो अभी देश को व्रज जैसी मांशपेशी , पोलादी स्नायु की जरूर है | प्रबल इच्छाशक्ति की जरूर है , इसीलिए युवाओं को मजबूत बनना चाहिए | भगवदगीता के अभ्यास से नहीं, मैदानी खेल खेलने सी तुम और भी जल्दी इश्वर के करीब पंहुच सकोगे | सबल और स्नायुबद्ध शरीर होगा तो आप गीता को और भी अच्छी तरह से समझ सकोगे | जुवानी का जोम आपकी नस में होगा तो आप श्रीकृष्ण की महान प्रतिभा को और भी अच्छी तरह पचा पाओगे | Swami vivekanand
- यह दुनिया निर्माल्यो के लिए नहीं है , भाग छूटने की कोशिश मत करना | जाग्रत हो जाओ , प्रगतिशील बनो , मानवजीवन क्षणभंगुर है , इसीलिए मानवजीवन में ऐसा कार्य करो की सब आपको याद करे , वरना फिर आप में और पत्थर में क्या भेद रह जाएगा ? आपमें रही हुई दिव्यता प्रकट करो | Swami vivekanand
- निराशा धर्म नहीं है | हंमेशा हस्ते रहो | सबके साथ खुशनुमा स्वभाव रखो , खुशनुमा स्वभाव से आप प्राथना से भी जल्दी इश्वर के नजदीक पंहुच जाओगे | मालिक की तरह रहो , नौकर की तरह नहीं | निरंतर कार्य करो मगर दासत्व या गुलामी स्वीकार मत करो | Swami vivekanand
- कभी भी अपना अनादर मत करो , जो मनुष्य अपने आप का अनादर करता है , उसके लिए विनाश के द्वार खुल जाते है | आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास ( आत्मश्रद्धा ) आवश्यक है | Swami vivekanand
- कुछ भी मत मांगो , कुछ भी बदला मत सोचो | जो देना है वह दे दो | वह फिर से तुम्हारे पास आयेगा , हजार गुना ज्यादा बनके वह तुम्हारे पास आयेगा | स्वार्थीपना नीति के विरुद्ध है | हमको याद रखना चाहिए की हम सब इस दुनिया के देनदार है | दुनिया के लिए हम कुछ कर सके तो हमको एक महान तक मिली है ऐसा समझो | दुनिया को मदद करते समय हम अपने आप की ही मदद कर रहे है | Swami vivekanand
- महान बनो | त्याग और समर्पण के सिवा कोई भी महान नहीं बनता , दाता बनो | Swami vivekanand
- उठो , जागो और जब तक लक्ष्यस्थान पर न पँहुच जाओ तब तक मत रुको | Swami vivekanand
- भय दुर्बलता का चिन्ह है | इसी लिए संसार के उपहास और व्यंग के और जरा भी ध्यान नहीं देके मनुष्य को निर्भय हो के अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए | Swami vivekanand
- मनुष्य शरीर में दुसरे जीवों की सेवा करना इश्वर की सेवा करने बराबर है | दुसरे प्राणी भी मंदिर है , परन्तु मनुष्य सर्वोतम मंदिर है , सर्व मंदिरों में ताजमहल रूप है | यदि हम इस मंदिर की पूजा न कर सके तो दूसरा कोई मंदिर हमको कोई लाभ नहीं कर सकता | Swami vivekanand
- गीता का मुख्य सूत्र यह है की निरंतर कार्य करते रहो पर उसमें आशक्त मत होना | Swami vivekanand
- विद्या , धन , दोलत , ज्ञान , ताकत , वीरता और दूसरा जो कुछ भी इकठा करके कुदरत हमको देती है वह सब जरूरत पड़ने पर सबको बाँट देने के लिए है | यह हकीकत हम बहुत बार भूल जाते है | Swami vivekanand
- भविष्य में क्या होगा क्या नहीं होगा , वह सोचने से क्या फायदा ? जिंदगी कितनी छोटी है | फलदाता तो सिर्फ इश्वर ही है , इसीलिए सब उसको सोंप दो | आप अपना कार्य करते जाओ | Swami vivekanand
- मेरी पूरी जिंदगी दौरान हैरान हो हो के मैं यह सिखा हूँ , बाकी सब चार दिन की चांदनी है | Swami vivekanand
- यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता. Swami vivekanand
- तुम्हे अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है. कोई तुम्हे पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हे आध्यात्मिक नहीं बना सकता. तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरु नहीं है. Swami vivekanand
- किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं. Swami vivekanand
- जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं है. Swami vivekanand
- एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ . Swami vivekanand
- मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं . जब वो केन्द्रित होती हैं ; चमक उठती हैं . Swami vivekanand
- ब्रह्माण्ड कि सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं. वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है! – Swami vivekanand
- दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो - Swami vivekanand
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